Pravasi Bharatiya Samman Award (PBSA) was organized at 1730 hrs in the premises of Indian Embassy Prasaramitra Sukhumvit Soi 23 in Bangkok on 24 September 2021. Keeping in mind the covid protocol, the program lasted for one and a half hours.
बैंकॉक में 24 सितंबर 2021 को भारतीय दूतावास प्रसारमित्र सुखुमवित सोई के परिसर में 17: 30 बजे प्रवासी भारतीय सम्मान पुरस्कार (पीबीएसए) का आयोजन किया गया। कोविंद प्रोटोकॉल का ध्यान रखते हुए कार्यक्रम डेढ़ घंटे तक चला।
Actually PBSA is an important and highest honor given to overseas Indians. The award is given by the Hon’ble President of India as part of the Pravasi Bharatiya Divas convention at an organization/institution recognized by NRIs, Persons of Indian Origin or Non-Resident Indians or Persons of Indian Origin. This award is given to those people who have achieved achievement both in India and abroad.
दरअसल पीबीएसए प्रवासी भारतीयों को दिया जाने वाला सर्वोच्च सम्मान है। पीबीएसए को भारत के माननीय राष्ट्रपति द्वारा अप्रवासी भारतीयों, भारतीय मूल के व्यक्तियों या अनिवासी भारतीयों या भारतीय मूल के व्यक्तियों द्वारा मान्यता प्राप्त संगठन/संस्थान पर प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन के भाग के रूप में प्रदान किया जाता है। भारत और विदेश दोनों में उनकी उत्कृष्ट उपलब्धियों के बारे में।
Shri Vashdev Tikamdas Puraswani of Thailand was honored with the Pravasi Bharatiya Samman Award by the Hon’ble President of India during the 16th Pravasi Bharatiya Divas Convention. Which was organized in January 2021.
थाईलैंड के श्री वाशदेव टीकमदास पुरसवानी को 16वें प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन के दौरान भारत के माननीय राष्ट्रपति द्वारा प्रवासी भारतीय सम्मान पुरस्कार से सम्मानित किया गया था, जो वस्तुतः जनवरी 2021 में आयोजित किया गया था।
The ceremony was formally held by H.E. The handing over of the award was organized by Suchitra Durai, Ambassador of India to Thailand Mr. Vashdev Tikamdas Puraswani. Some Indian expatriates were also present in the ceremony.
समारोह औपचारिक रूप से एच.ई. द्वारा पुरस्कार सौंपने के लिए आयोजित किया गया सुचित्रा दुरई, थाईलैंड में भारत की राजदूत श्री वाशदेव टीकमदास पुरसवानी। समारोह में कुछ भारतीय प्रवासी भी मौजूद रही